इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं -Immunity meaning in hindi

इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं

What is immunity in hindi

बीमारियां उन्हें ज्यादा तंग करती हैं, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यूनिटी) कमजोर हो गई है। रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी, तो कई बड़ी बीमारियों और इंफेक्शंस से भी हमारा शरीर स्वयं अपना बचाव कर लेगा। 

Immunity meaning in hindi
Immunity  in hindi
इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं

What is immunity in hindi-रोग प्रतिरोधक शक्ति

Immunity in hindi meaning

इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं- मानव शरीर में रोग प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) नाम का एक ऐसा function होता है, जो इन बैक्टीरिया, वायरस और माइक्रोब्स को शरीर से दूर रखता है। शरीर के  कमजोर होने से इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है और शरीर पर हमला करने की ताक में बैठे माइक्रोब्स बॉडी को अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं।

यानी हमारे शरीर के भीतर एक प्रोटेक्शन मेकनिजम है, जो शरीर की तमाम रोगों से सुरक्षा करता है। इसे ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कहते हैं।

रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होने के कारण

वातावरण में मौजूद तमाम बैक्टीरिया और वायरस को हम लगातार सांस के द्वारा  अंदर लेते रहते हैं, परन्तु ये बैक्टीरिया हमें हानि  इसलिए नहीं पहुंचा पाते क्योकिं हमारा प्रतिरक्षा तंत्र इनसे हर समय लड़ते हुए इन्हें परास्त करता रहता है।

लेकिन कई बार जब इन बाहरी कीटाणुओं की ताकत बढ़ जाती है तो ये शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को भेद जाते हैं। परिणामस्वरूप कई मौसमी बीमारियां हमें घेर लेती हैं। सर्दी, जुकाम इस बात का संकेत हैं कि आपका प्रतिरोधक तंत्र कीटाणुओं को रोक पाने में असफल हो गया। कुछ दिन में आप ठीक हो जाते हैं।

इसका मतलब है कि तंत्र ने फिर से ताकत लगाई और कीटाणुओं को हरा दिया। अगर प्रतिरक्षा  तंत्र ने दूसरी बार जोर न लगाया होता तो इंसान को जुकाम, सर्दी से कभी आराम ही नहीं मिलता । इसी प्रकार कुछ लोगों को किसी खास चीज से एलर्जी होती है और कुछ को उसी चीज से नहीं होती।

इसका कारण यह है कि जिस व्यक्ति को एलर्जी हो रही है, उसका प्रतिरक्षा तंत्र उस चीज पर रिऐक्शन कर रहा है, जबकि दूसरों का तंत्र उसी चीज पर सामान्य व्यवहार करता है। इसी तरह डायबीटीज में भी प्रतिरक्षा  तंत्र पैनक्रियाज में मौजूद कोशिकाओं  को गलत तरीके से मारने लगता है।

ज्यादातर व्यक्तियों में बीमारियों का मुख्य कारण वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। जिसकी  वजह से खांसी-जुकाम से लेकर खसरा, मलेरिया जैसी  बीमारियां हो सकती हैं। इन सारे इंफेक्शन से शरीर की रक्षा करने का काम ही करता है इम्यूनिटी सिस्टम।

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इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं
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रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण

डॉक्टरों के अनुसार अनियमित खानपान, अनिद्रा, देर रात तक जागने  की आदत और अनियमित क्रिया कलाप  के कारण लोगों में इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कम हो रही है।

इसके अतिरिक्त डॉक्टरों के अनुसार मौसम बदलने के दौरान भी बाहरी बैक्टीरिया व वारयस ज्यादा शक्तिशाली हो जाते हैं  और इस समय शरीर में कई तरह के वारयस अटैक करते हैं जिससे हमारी इम्यून क्षमता कमजोर  होती है।

Types of immunity in hindi

इम्यूनिटी के 3 मुख्य प्रकार (3 Types of Immunity) होते हैँ

एक्टिव इम्यूनिटी (Active Immunity)

जब हमारा शरीर किसी बिमारी या संक्रमण के संपर्क में आता है या जैसे कोई बाहरी तत्व बैक्टीरिया या वाइरस हमारे शरीर के अन्दर घुस कर स्वस्थ सेल्स को नष्ट करने लगते हैँ तो हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज व इम्यून सेल्स उन बाहरी तत्वों से लड़ती हैँ और उनको नष्ट करती हैँ ।

और इसी को एक्टिव इम्युनिटी कहा जाता है क्यूंकि ए एंटीबॉडीज व इम्यून सेल्स हमारे शरीर में जन्म से मिली होती हैँ और जैसे ही कोई खतरा महसूस होता है तुरन्त एक्टिव हो जाती हैँ , एक्टिव इम्युनिटी ही तीनों में सबसे ताकतवर प्रकार है जो लम्बे समय तक हमारे शरीर को बीमार होने से बचाता है ।

जब पहली बार कोई नया वाइरस या बैक्टीरिया से हमारा शरीर संक्रमित होता है तो हमारे शरीर के अन्दर मौजूद एंटीबॉडीज सेल्स उससे अन्जान रहते हैँ और इसी कारण संक्रमण से हुई बिमारी को ठीक होने में समय भी लग सकता है

क्यूंकि हमारे शरीर की इम्यून सेल्स पहले उन बाहरी तत्वों की पहचान करेंगी और जैसे ही उनको लगता है की ये तत्व शरीर के लिये हानिकारक हैँ तो उनको नष्ट करना शुरू कर देती हैँ लेकिन अगली बार अगर इसी संक्रमण से शरीर संपर्क में आता है तो इम्यून सेल्स अपनी मेमोरी की सहायता से उनको बहुत जल्दी नष्ट कर देती हैँ।

पैसिव इम्यूनिटी (Passive Immunity)

CDC की माने तो कभी कभी जब हमारे शरीर का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर पड़ जाता है तो शरीर को बाहर से एंटीबॉडीज या इम्यून सेल्स दी जाती हैँ जैसे प्लाज्मा या एंटीबॉडीज युक्त खून चढ़ाया जाता है तो इसी को पैसिव इम्युनिटी कहा जाता है
ये इम्युनिटी हमारे शरीर के अन्दर कुछ महीनों तक बनी रहती है ।

हर्ड इम्यूनिटी (Herd Immunity)

जब कोई एक व्यक्ति किसी बिमारी के संक्रमण में आता है और उससे दूसरा दूसरे से तीसरा और फिर तीसरे से चौथा चौथे से पाँचवा और इसी तरह जब काफी लोग संक्रमण में आते है तो जैसे जैसे लोग संक्रमण में आते हैँ तो वैसे वैसे संक्रामक बिमारी का असर कम होता जाता है।

अगर डब्ल्यू एच ओ को माने तो ए संक्रामक बीमारियों से सुरक्षित करता है लेकिन इस तरह संक्रमण की दर और मरने वाले की संख्या में इजाफा होता है इसी कारण व एच ओ कभी इसके लिये अड्वाइस नहीं करता है। इसी को हर्ड इम्युनिटी कहते हैँ ।

इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं

  • विटामिन से भरपूर डाइट लें
  • ताजी हवा में सांस लें
  • समय पर सोएं और उठें
  • रोजाना व्यायाम और योगाभ्यास करें
  • खुद को हाइड्रेटेड रखें
  • तनाव न लें
  • एल्कोहल-धूम्रपान से परहेज करें
  • शरीर की साफ सफाई भी है जरूरी

इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं घरेलू उपाय

इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं क्या खाएं
  • शहद
  • मुनक्का
  • बादाम छुहारा मिल्‍क शेक
  • तुलसी अदरक दालचीनी का काढ़ा
  • आंवले की चटनी
  • हल्‍दी दूध

इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं क्या खाएं

इम्युनिटी कमजोर होने पर शरीर जल्दी वाइरस का शिकार हो जाता है इसलिये हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिये खान पान का विशेष ध्यान जरूर रखना चाहिये।
इसलिये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये कुछ ऐसे फूड हैँ जिनको हमें किसी ना किसी रूप में अपने डाइट में जरूर शामिल करना चाहिये ।

  • खट्टे फल
  • ब्रोकली
  • अदरक
  • लहसुन
  • तुलसी
  • पालक
  • बादाम
  • हल्दी
  • पपीता
  • नारियल का तेल
  • लाल शिमला मिर्च
  • योगर्ट
  • ग्रीन टी

इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं

खानपान : इम्यूनिटी पावर का निर्माण शरीर खुद कर लेता है। सभी ऐसी चीजें जो सेहतमंद खाने में आती हैं, उन्हें खाना  चाहिए। इनके सहयोग से ही मानव शरीर इस काबिल बन जाता है कि वह खुद अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सके।

 ऐसा भी नहीं है कि आपने बाहर से कोई चीज खाया और उसने जाकर सीधे आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा दिया। इसलिए हमेशा सेहतमंद चीजें खाना चाहिए। इनकी मदद से शरीर इस काबिल बन जाता है कि वह खुद अपनी प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सके। 

आयुर्वेद के अनुसार, कोई भी खाना जो आपके तेज में वृद्धि करता है, रोग immunity power बढ़ाने में मददगार है। जो खाना अम्ल बढ़ाता है, वह नुकसानदायक है। 

इसके अलावा प्रोसेस्ड और packed फूड से जितना हो सके, बचना चाहिए। ऐसी चीजें जिनमें प्रिजरवेटिव्स मिले हों, उनसे भी हमेशा बचना चाहिए। 

विटामिन सी और बीटा कैरोटींस जहां भी है, वह रोग immunity  बढ़ाता है। इसके लिए fruits like मौसमी , संतरा, नींबू लें। जिंक का भी बॉडी की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में helpful है। जिंक का सबसे बड़ा स्रोत  सीफूड है, लेकिन ड्राई फ्रूट्स में भी जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है।फल और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं। 

ऐसे काम करती हैं विभिन्न चिकित्सा पद्धतियां

1.न्यूट्रिशन

मार्केट में मिलने वाले फूड सप्लिमेंट्स या न्यूट्रिशन का फायदा उन लोगों के लिए है, जो लोग खाने में सलाद नहीं लेते, वक्त पर खाना नहीं खाते, गरिष्ठ और जंक फूड ज्यादा खाते हैं, वे अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इन सप्लिमेंट्स की मदद ले सकते हैं। 

2. आयुर्वेद

आयुर्वेद में रसायन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बेहद मददगार होते हैं। रसायन का मतलब केमिकल नहीं है। कोई ऐसा प्रॉडक्ट जो एंटिऑक्सिडेंट हो, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला हो और स्ट्रेस को कम करता हो, रसायन कहलाता है।

मतलब त्रिफला, ब्रह्मा रसायन आदि, लेकिन च्यवनप्राश को आयुर्वेद में सबसे अच्छा रसायन माना गया है। इसे बनाने में मुख्य रूप से फ्रेश आंवले का इस्तेमाल होता है। इसमें अश्वगंधा, शतावरी, गिलोय समेत कुल 40 जड़ी बूटियां मिलाई जाती हैं। 

देखें तो आंवला, अश्वगंधा, शतावरी और गिलोय का रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी  योगदान है। चिकित्सा  विज्ञान कहता है कि शरीर में अगर आईजीई का लेवल कम हो तो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। देखा गया है कि च्यवनप्राश खाने से शरीर में आईजीई का लेवल कम होता है। 

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में यह हैं काफी खास चीजें  

हल्दी, अश्वगंधा, आंवला, शिलाजीत, मुलहठी, तुलसी, लहसुन, गिलोय

3.होम्योपैथीइम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं

होम्योपैथी में वाइटल फोर्स का प्रिन्सिपल काम करता है। इम्युनिटी को बढ़ाना ही होम्योपैथी का बेस है। पूरी जिंदगी को वाइटल फोर्स ही कंट्रोल करता है। यही है जो जीवन को आगे बढ़ाता है।

अगर शरीर की वाइटल फोर्स बिगड़ी है तो शरीर में बीमारियां बढ़ने लगेंगी। होम्योपैथी में मरीज को ऐसी दवा दी जाती है, जो उसकी वाइटल फोर्स को सही कंडीशन  में ला दे। वाइटल फोर्स ही रोग  को समाप्त करता है और इसी में शरीर की इम्यूनिटी होती है। दवा देकर वाइटल फोर्स की शक्ति बढ़ा दी जाती है, जिससे वह बीमारी से लड़ती है और उसे खत्म कर देती है। 

4. एलोपैथी

विशेषज्ञों के अनुसार शरीर की जीवनी शक्ति बढ़ाने को लेकर एलोपैथी में कोई खास दवाइ नहीं दी जाती है। एलोपथी में कहा जाता है कि किसी व्यक्ति की इम्यूनिटी  दो वजह से कम होती है। पहली जनेटिकली मसलन अगर किसी शख्स के माता-पिता की इम्यूनिटी  कमजोर है या उनमें बीमारियां होने की टेंडेंसी अधिक रही है तो उस व्यक्ति  की इम्यूनिटी भी कम हो सकती है।

दूसरी वजह acquired होती है जैसे अगर किसी को एड्स हो गया है तो उसकी रोग immunity power  में कमी आ जाएगी। इसके अलावा, टीबी और डायबीटीज आदि हो जाने पर भी इम्यूनिटी कमजोर  हो जाती है। कुछ विशेष किस्म की दवाएं लगातार खाने से भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।

एलोपैथी में डॉक्टर रोगों का डायग्नोसिस करते हैं और फिर उसका उपचार किया जाता है। एलोपैथी के अनुसार, राय  यही है कि आप अपने खानपान का ध्यान रखें, विटामिंस से भरपूर खाना लें और वैक्सीन जरूर लगवाएं।

एलोपैथी में वैक्सीन पर ज्यादा जोर होता है। अगर कोई व्यक्ति नॉर्मल है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी ठीक  है तो भी उसे अपना टीकाकरण पूरा कराना चाहिए।

5. नैचुरोपैथीइम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं

नैचुरोपैथी के अनुसार बुखार, खांसी और जुकाम जैसे रोगों को शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकालने का प्रोसेस माना जाता है। नैचुरोपैथी में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अच्छी डाइट और दिनचर्या  को सुधारने के अलावा शरीर को डीटोक्सिफाई भी किया जाता है।

शरीर को डीटॉक्स करने के लिए खूब पानी पीना चाहिए। हाइड्रेशन के अलावा यह शरीर पर हमला करने वाले माइक्रो ऑर्गैनिजम को भी  बाहर निकालने का काम करता है।

6.एक्सरसाइज और योग 

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ाने में योग  बेहद फायदेमंद हैं। किसी योगाचार्य से सीखकर इन क्रियाओं को  करना चाहिए : कपालभांति, सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, नौकासन, मंडुकासन, अनुलोम विलोम प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, उत्तानपादासन, कटिचक्रासन, पवनमुक्तासन, भ्रामरी और ध्यान।

एक्सरसाइज-इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं

एक्सरसाइज करने से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन में बढ़ोतरी होती है, मसल्स टोन होती हैं, कार्डिएक सिस्टम बेहतर होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर से विषैले पदार्थ निकालने में भी एक्सर्साइज बहुत मदद करती है।  एक्सरसाइज के दौरान हम गहरी,लंबी और तेज सांसें लेते हैं।

ऐसा करने से विषैले पदार्थ फेफड़ों से बाहर निकलते हैं। दूसरे एक्सरसाइज के दौरान हमें पसीना भी आता है। पसीने के जरिये भी शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं।

एक अध्ययन  के मुताबिक अगर रोज सुबह 30 से 45 मिनट तेज चाल से टहला जाए तो सांस से संबंधित बीमारियां दूर हो जाती हैं और बार-बार बीमारी होने की आशंका को खत्म किया जा सकता है।

बच्चों में इम्युनिटीइम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं

इम्युनिटी की नींव गर्भावस्था से ही पड़ने लगती है। इसलिए जो माँ चाहती हैं कि उनके बच्चे की इम्यूनिटी अच्छी रहे, उन्हें इसके लिए तैयारी गर्भधारण के समय  से ही शुरू कर देनी चाहिए। गर्भावस्था में स्मोकिंग, शराब, स्ट्रेस से पूरी तरह दूर रहें। पौष्टिक खाना खाएँ। गर्भवती महिलाएं अच्छा संगीत सुनें और अच्छी किताबें पढ़ें ॥

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