Giloy benefits in hindi-गिलोय के फायदे और नुकसान इन हिंदी

 

गिलोय

 

गिलोय के फायदे और नुकसान इन हिंदी

गिलोय क्या है? what’s Giloy?

गिलोय (Tinospora Cordifolia) एक प्रकार की बेल है जो jyadatar पर जगंलों-झाड़ियों आदि में पाई जाती है। प्राचीन काल से ही गिलोय को एक आयुर्वेदिक औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।

गिलोय को राष्ट्रीय औषधि का भी दर्जा दिया गया है गिलोय के फायदों (Giloy ke fayde) को देखते हुए ही हाल के कुछ सालों से अब लोगों में इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है और अब लोग गिलोय की बेल अपने घरों में लगाने लगे हैं।

हालांकि अभी भी अधिकांश लोग गिलोय की पहचान ठीक से नहीं कर पाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गिलोय की पहचान करना बहुत आसान है। इसकी पत्तियों का आकार पान के पत्तों के जैसा होता है और इनका रंग गाढ़ा हरा होता है। आप गिलोय (Giloy in hindi) को सजावटी पौधे के रुप में भी अपने घरों में लगा सकते हैं।

गिलोय को गुडूची (Guduchi), अमृता आदि नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों को भी अपने अंदर समाहित कर लेती है, इसलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को औषधि के लिहाज से सर्वोत्तम माना जाता है। इसे नीम गिलोय (Neem giloy) के नाम से जाना जाता है।

गिलोय से क्या क्या फायदा है? what’s benifit of Gilog in Hindi ?

गिलोय के फायदे और नुकसान इन हिंदी गिलोय डायबिटीज, कब्ज़ और पीलिया समेत कई गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोगी है। गिलोय या गुडूची (Guduchi) के गुणों के कारण ही आयुर्वेद में इसका नाम अमृता रखा गया है जिसका मतलब है कि यह औषधि बिल्कुल अमृत समान है। आयुर्वेद के अनुसार पाचन संबंधी रोगों के अलावा गिलोय सांस संबंधी रोगों जैसे कि अस्थमा और खांसी से भी आराम दिलाने में काफी फायदेमंद है।

शुगर मरीजो के लिए रामबाण है (Giloy benefits for diabetes in hindi) गिलोय के फायदे और नुकसान इन हिंदी
विशेषज्ञों के अनुसार गिलोय हाइपोग्लाईसेमिक एजेंट की तरह काम करती है और टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित रखने में असरदार भूमिका निभाती है। गिलोय जूस (giloy juice) ब्लड शुगर के बढे स्तर को कम करती है, इन्सुलिन का स्राव बढ़ाती है और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करती है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी औषधि है।

खुराक और सेवन का तरीका : डायबिटीज के लिए आप तीन तरह से गिलोय (Giloy in hindi) का सेवन कर सकते हैं।

गिलोय जूस : दो से तीन चम्मच गिलोय जूस (10-15ml) को एक कप पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।

गिलोय चूर्ण : आधा चम्मच गिलोय चूर्ण को पानी के साथ दिन में दो बार खाना खाने के एक से डेढ़ घंटे बाद लें।
गिलोय टैबलेट : 1-1 टैबलेट दो बार खाने के बाद

गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक गुण डेंगू बुखार को जल्दी ठीक करते हैं Giloy benefits for dengue in hindi) :गिलोय के फायदे और नुकसान इन हिंदी
डेंगू से बचने के घरेलू उपाय के रुप में गिलोय का सेवन करना सबसे ज्यादा प्रचलित है। डेंगू के दौरान मरीज को तेज बुखार होने लगते हैं। गिलोय में मौजूद एंटीपायरेटिक गुण बुखार को जल्दी ठीक करते हैं साथ ही यह इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करती है जिससे डेंगू से जल्दी आराम मिलता है

एसिडिटी (Giloy benefits for indigestion in hindi) :गिलोय के फायदे और नुकसान इन हिंदी
अगर आप पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कि कब्ज़, एसिडिटी या अपच से परेशान रहते हैं तो गिलोय आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। गिलोय का काढ़ा, पेट की कई बीमारियों को दूर रखता है। इसलिए कब्ज़ और अपच से छुटकारा पाने के लिए गिलोय का रोजाना सेवन करें।



कफ की समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायक (Giloy benefits for cough in hindi) :
अगर कई दिनों से आपकी खांसी ठीक नहीं हो रही है तो गिलोय (Giloy in hindi) का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। गिलोय में एंटीएलर्जिक गुण होने के कारण यह खांसी से जल्दी आराम दिलाती है। खांसी दूर करने के लिए गिलोय के काढ़े का सेवन करें।


बुखार (Giloy benefits for fever in hindi) :
गिलोय या गुडूची (Guduchi) में ऐसे एंटीपायरेटिक गुण होते हैं जो पुराने से पुराने बुखार को भी ठीक कर देती है। इसी वजह से मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसे गंभीर रोगों में होने वाले बुखार से आराम दिलाने के लिए गिलोय (Giloy in hindi) के सेवन की सलाह दी जाती है।गिलोय के फायदे और नुकसान इन हिंदी

खुराक और सेवन का तरीका : बुखार से आराम पाने के लिए गिलोय (1-2 टैबलेट) पानी के साथ दिन में दो बार खाने के बाद लें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक (Giloy benefits for immunity in hindi) :
बीमारियों को दूर करने के अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना भी गिलोय के फायदे (Giloy ke fayde in hindi) में शामिल है। गिलोय सत्व या गिलोय जूस (Giloy juice) का नियमित सेवन शरीर की इम्युनिटी पॉवर को बढ़ता है जिससे सर्दी-जुकाम समेत कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।


पीलिया जल्दी ठीक होता है (Giloy benefits for jaundice in hindi) :
गिलोय के सेवन से पीलिया जल्दी ठीक होता है। इसके अलावा गिलोय के सेवन से पीलिया में होने वाले बुखार और दर्द से भी आराम मिलता है। गिलोय स्वरस (Giloy juice) के अलावा आप पीलिया से निजात पाने के लिए गिलोय सत्व का भी इस्तेमाल कर सकते हैं

खून की कमी दूर करने में सहायक (Giloy benefits for anemia in hindi) :
शरीर में खून की कमी होने से कई तरह के रोग होने लगते हैं जिनमें एनीमिया सबसे प्रमुख है। आमतौर पर महिलायें एनीमिया से ज्यादा पीड़ित रहती हैं। एनीमिया से पीड़ित महिलाओं के लिए गिलोय का रस काफी फायदेमंद है। गिलोय का रस (Giloy juice) का सेवन शरीर में खून की कमी को दूर करती है और इम्युनिटी क्षमता को मजबूत बनाती है


त्वचा के लिए लाभदायक (Giloy benefits for skin problem) :
गिलोय त्वचा संबंधी रोगों और एलर्जी को दूर करने में भी सहायक है। अर्टिकेरिया में त्वचा पर होने वाले चकत्ते हों या चेहरे पर निकलने वाले कील मुंहासे, गिलोय इन सबको ठीक करने में मदद करती है।


गठिया (Giloy benefits for atrophic arthritis in hindi) :
गिलोय में एंटी-आर्थराइटिक गुण होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण गिलोय (Giloy in hindi) गठिया से आराम दिलाने में कारगर होती है। खासतौर पर जो लोग जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं उनके लिए गिलोय का सेवन करना काफी फायदेमंद रहता है।


अस्थमा (Giloy benefits for asthma in hindi) :

गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण यह सांसो से संबंधित रोगों से आराम दिलाने में प्रभावशाली है। गिलोय या गुडूची (Guduchi) कफ को नियंत्रित करती है साथ ही साथ इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाती है जिससे अस्थमा और खांसी जैसे रोगों से बचाव होता है और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।

लीवर के लिए फायदेमंद (Giloy benefits for liver in hindi) :

अधिक शराब का सेवन लीवर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में गुडूची सत्व या गिलोय सत्व का सेवन लीवर के लिए टॉनिक की तरह काम करती है। यह खून को साफ़ करती है और एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम का स्तर बढ़ाती है। इस तरह यह लीवर के कार्यभार को कम करती है और लीवर को स्वस्थ रखती है। गिलोय के नियमित सेवन से लीवर संबंधी गंभीर रोगों से बचाव होता है।

बवासीर की दवा है गिलोय (Medicine For Piles)

बवासीर या पाइल्स बेहद दर्दनाक होते हैं और इनसे जितनी जल्दी छुटकारा मिले, उतना ही बेहतर है। गिलोय के इस्तेमाल से बनने वाली दवाएं हर प्रकार के बवासीर को ठीक कर सकती हैं। ध्यान सिर्फ इस बात का रखना है कि निर्देशों और परहेज का विशेष ध्यान दिया जाए।

गिलोय के सेवन में कुछ सावधानियां (Giloy side effects in hindi):

गिलोय के फायदे के अलावा आइये जानते हैं कि गिलोय के नुकसान (Giloy side effects in hindi) क्या हैं और किन परिस्थितयों में गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।

1- लो ब्लड प्रेशर (Low Blood pressure) :

जो लोग पहले से ही निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) के मरीज हैं उन्हें गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि गिलोय भी ब्लड प्रेशर को कम करती है। इससे मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है। इसी तरह किसी सर्जरी से पहले भी गिलोय (Giloy in hindi) का सेवन किसी भी रुप में नहीं करना चाहिए क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को कम करती है जिससे सर्जरी के दौरान मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

2- गर्भावस्था (Pregnancy) :
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय से परहेज करने की सलाह दी जाती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान गिलोय के नुकसान के प्रमाण मौजूद नहीं है फिर भी बिना डॉक्टर की सलाह लिए गर्भावस्था में गिलोय का सेवन ना करें।
अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको डॉक्टर की परामर्श के बाद ही इसे लेना चाहिए.


गिलोय को कब और कितना खाना चाहिए?

10 वर्ष से ऊपर के बच्चों को 1 टैबलेट व वयस्क दिन में 2 टैबलेट खाने के बाद ले सकते हैं ॥

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