
नीलगिरी तेल के फायदे, सर्दियों के मौसम में खासी जुकाम की समस्या काफी परेशान करती है। जब सर्दी की वजह से छाती में कफ जमा हो जाता है और नाक बंद हो जाती है। इसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। और ऐसे कई प्रकार के तेल हैँ जिनका उपयोग सेहत के लिये फायदेमन्द होता है उन्हीं में से एक है यूकेलिप्टस अर्थात नीलगिरी का तेल जो हमारे लिये बहुत प्रकार से लाभकारी है।
यूकेलिप्टस का तेल या नीलगिरी तेल के फायदे
नीलगिरी तेल के फायदों ने पूरे विश्व के ध्यान को अपनी तरफ खींचा है , नीलगिरी का पेड़ सबसे पहले आस्ट्रेलिया में मिला था और पिछले कुछ सदियों में युकेलिप्टस का पेड़ इण्डिया दक्षिण अफ्रीका समेत पूरी दुनिया के अन्य हिस्सों में भी अब मिलने लगा है। लेकिन अभी भी नीलगिरी तेल का मुख्य उत्पादक देश आस्ट्रेलिया ही है।नीलगिरी के फायदे निम्नलिखित हैँ
1-अस्थमा में लाभदायक
अस्थमा , साइनस जैसी सांस से सम्बन्धित बीमारियों में यूकेलिप्टस या नीलगिरी का तेल लेने से हमारे फेफड़े से लेकर गले तक की नलिकाओं की सफाई हो जाती है जिससे सांस लेने में कोई समस्या नहीं होती।
2-घाव को संक्रमण से बचाता है
यूकेलिप्टस के तेल को कटे -फटे स्थान पर लगाने से घाव में किसी तरह का इन्फेक्शन होने से बचाता है साथ ही साथ त्वचा के सूजन में भी आराम पहुंचाता है।
3-गले में खराश हो जाने पर
गले में खराश होने पर युकेलिप्टस यानी नीलगिरी का तेल काफी लाभकारी हो सकता है। NCBI की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार युकेलिप्टस के तेल में एंटीसेप्टिक और एन्टीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैँ जिसकी वजह से गले में खराश की समस्या को दूर करने में प्रभावी हो सकते हैँ। इसलिए खराश की स्थिति में तेल की कुछ बूंदें पानी में मिलाकर भाप लेना लाभदायक होता है।
4-घुटनों में दर्द या सूजन के लिये
नीलगिरी तेल के फायदे की बात करें तो उसमें दर्द और सूजन में आराम पहुंचाना भी शामिल है।
एक रिसर्च के अनुसार युकेलिप्टस ऑइल में एन्टीइंफ्लेमेटरी और एनल्जेसिक यानी दर्द निवारक गुण पाए जाते हैँ जो दर्द या सूजन की स्थिति में आराम पहुँचाते हैँ
5-मुंहासों को दूर करने में सहायक
एक रिसर्च के अनुसार युकेलिप्टस ऑइल में एन्टी एक्ने गुण पाया जाता है जो सीबम गन्थियो को संकुचित करके मुंहासों के उत्पादन में कमी करता है।
6-छाती में जमा कफ़ निकालने के लिये
युकेलिप्टस ऑइल छाती में जमा कफ़ निकालने में काफी मददगार हो सकता है यहाँ तक की कई बार दवा लेने के बाद भी कुछ कफ़ छाती में रह जाता है उसे भी इस तेल के उपयोग से निकालने में मदद मिलती है।
7-फंगल इन्फेक्शन में आरामदायक
नीलगिरी तेल के फायदे की बात करें तो ये फंगल इन्फेक्शन में भी राहत पहुंचाता है और एक शोध के अनुसार यूकेलिप्टस ऑइल नाखून के संक्रमण में भी लाभ पहुंचाता है।
8-दाँतों को सड़ने से बचाता है
दाँतों को मजबूत रखने के लिये नीलगिरी के तेल का उपयोग काफी लाभदायक हो सकता है। यूकेलिप्टस ऑइल को एक बढ़िया एन्टी कैरियोजेनिक एजेन्ट माना जाता है जो दाँतों के लिये हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है।
9-बालों के लिये नीलगिरी तेल के फायदे
यूकेलिप्टस ऑइल में एन्टी डैंड्रफ गुण पाए जाते हैँ जिसके कारण रायसीना की समस्या में राहत मिलती है इसके अलावा इस तेल के उपयोग से स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है जिसके कारण बाल स्वस्थ व सुन्दर होते हैँ साथ ही साथ उनका विकास भी होता है।
10-नीलगिरी तेल के फायदे मधुमेह में
नीलगिरी तेल शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है और रक्त प्रवाह में वृद्धि करता है।
डायबिटिक पेशेंट में रक्त परिसंचरण की कमी होती है इसीलिये इस तेल की मालिश से रक्त प्रवाह बढ़ाता है और रोगी को आराम पहुंचता है।
नीलगिरी तेल में पाए जाने वाले तत्व
नीलगिरी के तेल में अनेक फाइटो केमिकल पाए जाते हैँ जिसमें टैनिन , प्रोपेनोइद्स, एल्कलाइड्स और फ्लेवोनाएड्स आदि है। इसके अतिरिक्त यूकेलिप्टस ऑइल में एन्टी माइक्रोबियल, एंटीवायरल , फंगीसाइडल,इंसेक्टिसाइडल और हर्बीसाइडल आदि तत्व पाए जाते हैँ।
नीलगिरी तेल के औषधीय गुण
- दर्द के प्रभाव को कम करने वाला एन्स्थेटिक गुण
- किसी बिमारी के उपचार के बाद दुबारा उसे ना पनपने देने वाला एंटीपीरियोडिक गुण
- एंटीसेप्टिक जैसे बैक्टीरिया को रोकने का गुण
- कोशिकाओं को रिपेयर करने का गुण
नीलगिरी तेल के उपयोग में महत्वपूर्ण सावधानियाँ
जिन लोगों को एलर्जिकल प्रॉब्लम है उनको इसके उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिये।
किसी का होमियोपैथी इलाज चल रहा हो तो वो भी इसके उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य ले नहीं तो उपचार को प्रभावित कर सकता है।
यूकेलिप्टस ऑइल का ज्यादा सेवन विष के समान हो सकता है।
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