विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग – मानव शरीर को फिर रहने के लिये और अच्छे से काम करने के लिये कई सारी विटामिन मिनिरल्स और हार्मोन की आवश्यकता होती है लेकिन जब शरीर में किसी विटामिन मिनिरल या हार्मोन की कमी होती है तो शरीर कमजोर होता है इम्युनिटी कमजोर होती है कई सारी परेशानिया शुरू हो जाती हैँ और शरीर धीरे धीरे बीमारियों की चपेट में आना शुरू हो जाता है।
अलग अलग विटामिन्स शरीर के अलग अलग पार्ट्स और फंक्शन के लिये आवश्यक होती हैँ उन्हीं में से एक बहुत जरूरी विटामिन है विटामिन D3, जिसे “सनशाइन विटामिन” के नाम से भी जाना जाता है जो हमारे शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैँ ऐसे में यदि विटामिन D3 की कमी होती है तो हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैँ।
विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग हड्डियों में दर्द, थकान और एनर्जी की कमी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। विटामिन डी 3 के प्राकृतिक सोर्स की बात करें तो इसे सूरज की धूप से नेचुरली प्राप्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कुछ सप्लीमेंट और आहार के माध्यम से इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है। यदि ज्यादा समय तक शरीर में विटामिन डी 3 की कमी रहती है तो शरीर बीमारियों की चपेट में आ सकता है।
विटामिन डी 3 के मुख्य श्रोत
विटामिन डी 3 के मुख्य श्रोत अण्डा, मछली,फिश ऑयल , दूध दही और मक्खन आदि हैँ। सूरज की धूप से भी विटामिन d3 मिलता है इसलिये इसकी कमी को पूरा करने के लिये कुछ देर धूप में जरूर बैठना चाहिये।
विटामिन डी 3 की कमी के लक्षण
- विटामिन डी के लिये सही आहार और धूप ना मिलने के कारण शरीर में विटामिन डी 3 की कमी होना शुरू हो जाती है जिसके कारण मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैँ जिसकी शुरुआत दाँतों से देखने को मिलती है जैसे दाँतों में दर्द होना शुरू हो जाता है,पीठ में दर्द होना या मांसपेशियों में दर्द होना, शरीर में अकड़न और सर दर्द की समस्या का होना विटामिन डी 3 की कमी के संकेत हैँ।
- विटामिन डी 3 की कमी से शरीर में WBC यानी सफेद रक्त कणिकाएं कम होने लग जाती हैँ जिससे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।याददाश्त कमजोर हो जाती है और व्यक्ति को मानसिक तौर पर वीकनेस देखने को मिल सकती है।
- भारत में ऐसे करोड़ों लोग हैँ जो विटामिन डी की कमी से प्रभावित है इससे जुड़े कुछ और लक्षण है जैसे:
- एक्जिमा
- बालों का झड़ना
- सूजन
- गठिया
- डिप्रेसन
- हाई ब्लडप्रेशर
- बार बार बीमार पड़ना आदि
विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग
हड्डियों के टूटने का खतरा (विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग)
विटामिन डी से रक्त से कैल्शियम सोखने में मदद करता है इसलिये इसकी कमी का असर सबसे पहले हड्डियों पर पड़ता है जिसके परिणाम स्वरूप थोड़ी सी चोट चपेट लगने पर भी हड्डियों के फ्रैक्चर होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैँ (विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग)
विटामिन डी 3 की कमी से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैँ और मांसपेशियों में दर्द भी होता है।
कोलन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। (विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग)
कोलन कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो बड़ी आँत में होता है। खून के अन्दर जितना विटामिन डी 3 होगा उतना ही कोलोन कैंसर होने की आशंका कम हो सकती है।
हृदय स्वास्थ्य के लिये विटामिन डी 3 (विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग)
ऐसा कई स्टडी में पाया गया है कि विटामिन डी 3 की कमी से दिल का दौरा पढ़ने की सम्भावना अधिक रहती है।
विटामिन D3 के लिये क्या खाएं ?
विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग-विटामिन डी 3 की कमी के लिये सप्लीमेंट लें सकते है और साथ ही साथ मशरूम में अच्छी मात्रा में विटामिन डी 3 पाया जाता है और विटामिन सी के अलावा संतरे में भी विटामिन डी 3 की कुछ मात्रा पायी जाती है इसलिये मशरूम और संतरे को अपने आहार में शामिल कर सकते हैँ।
विटामिन d3 कितना होना चाहिये ?
नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ हार्ट NIH के अनुसार ज्यादातर लोगों के लिये
50 nmol/L(20ng/mL) अथवा इससे अधिक आदर्श या नार्मल लेवल होता है
30 nmol/L(12ng/mL) से कम लेवल बहुत कम है जो कि स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
125 nmol/L(50ng/mL) बहुत ज्यादा है जो कि हेल्थ प्रॉब्लम पैदा कर सकता है।
विटामिन डी3 किसके लिये अच्छा है ?
विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग-विटामिन डी 3 को हड्डियों की मजबूती के लिये जाना गया है यह रक्त में से कैल्शियम सोखने में मदद करता है साथ हाई साथ भोजन में से फॉस्फोरस और कैल्शियम अवशोषित करने में भी मदद करता है। इसके अलावा यह सूजन को कम करता है, रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है हार्ट को हेल्दी रखता है।
विटामिन d3 का नाम क्या है ?
विटामिन डी 3 का नाम कॉलकैल्शिफेरॉल (Cholecalciferol) है जो बसा में घुलनशील विटामिन है।
विटामिन d3 ज्यादा होने से क्या होता है ?
शरीर में विटामिन डी 3 ज्यादा होने से रक्त प्रवाह में ज्यादा कैल्शियम हो जाता है जिसके कारण हार्मोन के लिये हड्डियों के पौष्टिक तत्वों को एक साथ रोकना कठिन हो जाता है। जिससे हड्डियों में दर्द के अलावा अंदरूनी चोट और फ्रैक्चर की सम्भावना बढ़ जाती है।
विटामिन d3 रोजाना कितना लेना चाहिये?
रेकमेंडेड डाइटरी अलोवेन्सस (Recommended Daily Allowances) RDA के अनुसार शरीर को रोजाना 600 IU(15 माइक्रोग्राम ) ( International Unit) की आवश्यकता होती है।
विटामिन d3 की गोली कब खानी चाहिये ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो विटामिन डी सप्लीमेंट सुबह के समय लेना चाहिये।
विटामिन डी की कमी में क्या नहीं खाना चाहिये ?
विटामिन डी की कमी में बाहर का जंक फूड,खट्टे फल, चटनी व अचार बहुत कम मात्रा में खाना चाहिये या नहीं खाना चाहिये
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