
शरीर में न होने दें कैल्शियम की कमी, महिलाओं और बच्चों में हो सकती है ये समस्या
Calcium हमारी Body के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है। शरीर में इसकी पर्याप्त मात्रा हड्डियों और मासपेशियों को मज़बूत बनाती है। कैल्शियम की कमी होने पर अकसर पीड़ित को पता ही नहीं होता कि, आखिर उसे समस्या क्या है और वो अपनी पीड़ाओं का इलाज कराता रहता है। इधर, उसके शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण होने वाली पीड़ा बढ़ती जाती है। अंतः कैल्शियम की भारी कमी के कारण कई पीड़ाओं से घिर जाता है।
आजकल महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी कैल्शियम की कमी की समस्याएं काफी तेज़ी से बढ़ती जा रही हैं। इसके पीछे कारण है बिगड़ती दिनचर्या और बदलता खान-पान।
Vitamin D और कैल्शियम की कमी को हल्के में लेना हेल्थ पर पड़ सकता है भारी
विटमिन डी और कैल्शियम की कमी शरीर को कमजोर बनाने के साथ ही मानसिक बीमारियों को भी न्योता देती है। यही वजह है कि इनकी सही मात्रा का शरीर में होना बेहद जरूरी है
हार्ट, मसल्स और नर्व्स सुचारू रूप से काम करते रहें इसमें कैल्शियम अहम रोल प्ले करता है। चोट लगने पर खून को बहने से रोकने के लिए बॉडी जो क्लॉटिंग करती है उसके लिए भी शरीर में कैल्शियम की सही मात्रा होना बहुत जरूरी है। वहीं कैल्शियम को बोन्स व अन्य ऑर्गन अब्जॉर्ब कर सकें इसके लिए विटमिन डी की सही मात्रा का शरीर में मौजूद होना आवश्यक है। ऐसा नहीं होने पर कैल्शियम इनटेक वेस्ट हो जाएगा।
विटमिन डी (कैल्शियम)की कमी से होने वाले नुकसान
– शरीर में विटमिन डी की कमी से व्यक्ति के संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल, विटमिन डी इम्यून सिस्टम को मजबूत होने में मदद करता है। ऐसा नहीं होने पर बीमारियां आसानी से शरीर को चपेट में ले लेती हैं।
– अगर आपको हर वक्त थकान महसूस होती है तो इसका कारण भी विटमिन डी की कमी हो सकती है।
शरीर में कैल्शियम की कमी के लक्षण
हाथ पैर के तलवों में जलन कैल्शियम की कमी का संकेत है।
हड्डियों में कमजोरी या जोड़ों व पीठ में दर्द बने रहना भी विटमिन डी की कमी की ओर इशारा करता है। इन दर्द के कारण व्यक्ति के लिए सामान्य रूप से दिन बिताना मुश्किल हो जाता है, इसलिए कैल्शियम की कमी को दूर करना बहुत जरूरी है।
मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंच सकता है
यह कम ही लोग जानते हैं कि कैल्शियम की कमी का हमारी मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ता है। इसकी कमी व्यक्ति को डिप्रेशन की स्थिति में भी ले जा सकती है, खासतौर पर अडल्ट्स में यह समस्या ज्यादा हो सकती है।
ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है
कैल्शियम की कमी हो जाने से ऑस्टियोपोरोसिस नामक बिमारी हो सकती है जिसमें शरीर की हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैँ कि जरा सी चोट लगने पर फ्रैक्चर और मोच की आशंका बढ़ जाती है।
शरीर की मांसपेशियों में दर्द
जब भी शरीर में यदि लगातार लम्बे समय कैल्शियम की कमी बनी रहती है तो इसके कारण मांसपेशियों में दर्द होना शुरू हो जाता है और हमेशा अकड़न सी बनी रहती है। यह प्रॉब्लम ज्यादातर महिलाओं में गर्भावस्था व डेलिवरी के बाद देखने को मिलती है।
हृदय रोग
हार्ट को धड़कने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है, कैल्शियम की कमी से खून में इनकी मात्रा गड़बड़ा जाती है जो हृदय रोग की समस्या का कारण बन सकता है।
ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है
डॉक्टर्स ब्लड में मैग्नीशियम, फास्फरस और पोटैशियम की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए भी कैल्शियम का सहारा लेते हैं। कैल्शियम की कमी से खून में इनकी मात्रा गड़बड़ा जाती है जो हाई बीपी की समस्या का कारण बन सकता है।
पीरियड में अनियमितता
यदि महिलाओं में लगातार कैल्शियम की कमी बनी रहती है तो पीरियड्स में गड़बड़ी हो जाती है जिस कारण पीरियड में अनियमितता हो जाती है।
कमजोरी महसूस करना
कैल्शियम की कमी के कारण शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है साथ ही साथ व्यक्ति ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है जैसे कभी कभी कोई फ्रिज का डोर खोलता है और भूल जाता है क्या निकालने के लिये डोर खोला था यानी जल्दी जल्दी चीजें भूलने लगता है।
बॉडी मसल्स में दिक्कत
अगर शरीर में कैल्शियम की कमी होती है तो मसल्स में दर्द और ऐंठन के साथ साथ हाथ पैरों में सुन्नता आ सकती है।हार्ट को धड़कने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है और जब कैल्शियम कम होता है तो हार्ट जॉइंट से कैल्शियम खींचता है जिससे हमारे जॉइंट कमजोर हो जाते हैं और जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है इसलिए हमेशा कैल्शियम स्तर शरीर में सामान्य रखना चाहिए।
त्वचा और नाखून को नुकसान पहुंचता है
कैल्शियम की कमी से व्यक्ति को हाइपोकैल्शिमिया हो सकता है। इस बीमारी के होने पर मेमरी लॉस, ऐंठन की समस्या, डिप्रेशन, त्वचा और नाखून को नुकसान पहुंचता है, बार-बार फ्रैक्चर होने की समस्या आती है।
कैल्शियम की कमी हो तो चोट लगने की स्थिति में खून के बहाव को रोकने में शरीर को दिक्कत आती है। गंभीर चोट की स्थिति में यह स्थिति खतरनाक हो सकती है।
दांतों में दर्द
कैल्शियम हड्डियों के विकास के लिए अहम है। इस की कमी हड्डियों को काफी कमजोर बना देती है जिससे दांतों में दर्द हो सकता है I हड्डियों से जुड़ी बीमारियां व्यक्ति को अपनी चपेट में लेने लगती हैं।
कैल्शियम की कमी कैसे पूरी करें
30 साल की उम्र की महिलाओं और 35 साल से ऊपर के पुरुषो को कैल्शियम जरूर खाना चाहिए I
कैल्शियम और विटमिन डी की कमी के लिए टेस्ट करवाएं। रिपोर्ट को डॉक्टर को दिखाएं जो आपको इसके लिए सप्लिमेंट दे सकते हैं I इसी के साथ खाने में दूध, दही, चीज, जूस, सोया प्रॉडक्ट्स आदि को आहार का हिस्सा बनाएं साथ ही में धूप सेंकने जैसी चीजें करें ताकि नैचरल तरीके से भी विटमिन डी और कैल्शियम की शरीर में पूर्ति की जा सके ॥
प्रतिदिन कितने कैल्शियम की जरूरत होती है?
- बच्चों को 500-700 MG प्रतिदिन
- पुरुषों को 600-1000 MG प्रतिदिन
- प्रेगनेंट लेडीज को 1000-1200 MG प्रतिदिन
- ब्रेस्ट फीड करने वाली महिलाओं को 1200-2000 MG प्रतिदिन
कैल्शियम की कमी होने पर क्या खाएं I Calcium Rich Foods In India
भारत में ऐसे तमाम खाद्य पदार्थ हैँ जिनमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। कैल्शियम रिच फूड्स निम्न लिखित हैँ।
- दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ जैसे दही,पनीर, चीज आदि।
- रागी
- टमाटर
- अन्जीर
- सोयाबीन
- आँवला और सन्तरा
- ब्रोकली
- हरी सब्जियां व सी फूड्स
- कीवी नारियल सीताफल और आम आदि
- पिस्ता बादाम मुनक्का तरबूज के बीज व अखरोट
- अनाज व दालें जैसे गेंहू , राजमा मूंग दाल छोले आदि
- मछली
- व्हे प्रोटीन
- टोफू
- फ्लैक्स सीड और तिल के बीज आदि।