Low blood pressure in Hindi-लो ब्लड प्रेशर क्या है

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लो ब्लड प्रेशर क्या है? पूर्ण जानकारी (Low blood pressure in Hindi)

लो ब्लड प्रेशर क्या है? 
(Low blood pressure in Hindi)
निम्न रक्तचाप का शिकार कोई भी व्यक्ति हो सकता है ज्यादातर लो ब्लड प्रेशर की जानकारी की कमी के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है, जिसकी वजह से लोग इस समस्या के शिकार हो जाते हैं।

लो ब्लड प्रेशर क्या है? (what is low blood pressure? In Hindi)

लो ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन (hypotension) भी कहते है।  निम्न उच्च रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) के कारण   शरीर के सभी अंगों में खून का संचरण सही तरीके से नहीं हो पाता है।
ऐसी स्थिति तब पैदा होती है जब हमारा रक्तचाप 120/80 मिमी पारा के सामान्य स्तर से नीचे गिर जाता है, यह निम्न रक्तचाप है। ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है यदि हमारा रक्तचाप 120/80 मिमी पारा है। यदि यह सामान्य स्तर से नीचे आता है तो यह निम्न रक्तचाप है।। यदि हमारा ब्लड प्रेशर सामान्य से कम होता है तो वह हाइपोटेंशन और सामान्य से ज्यादा होता है, तो हाइपरटेंशन की स्थिति निर्मित हो जाती है। ये दोनों ही सेहत के लिए ठीक नहीं हैं, ऐसे में हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए ब्लड प्रेशर को नार्मल बनाए रखना बहुत आवश्यक  है।
 यदि किसी व्यक्ति का रक्तचाप (Blood pressure) नार्मल  (80/120 mmHg) से कम हो जाता है, तो इस वजह से उसको  काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

लो ब्लड प्रेशर कई तरह का होता है ? (Types of blood pressure in Hindi)
लो ब्लड प्रेशर मुख्य रूप से 4 प्रकार के होते हैं

ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन (Orthostatic)- जब लोगों के उठने और बैठने पर रक्त का प्रवाह मानव शरीर के अन्य अंगों में कम होता है, तो उस स्थिति को ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन कहा जाता है।
पोस्टप्रेण्डियल हाइपोटेंशन  (Postprandial)- यह खाने के तुरंत बाद होना वाला लो ब्लड प्रेशर हैं, जो ऐसे लोगों में अधिक होता है जो बड़ी उम्र के हैं ।

न्यूरली  मेडिएटेडहाइपोटेंशन  (Neurally mediated)- यदि कोई व्यक्ति काफी देर तक खड़ा रहता है, और मस्तिष्क व दिल का समन्वय सही नहीं हो पाने से  उसे इसकी संभावना काफी अधिक रहती है। यह बच्चोँ  और युवाओं को ज्यादातर एफेक्ट  करता है ।

न्यूरली  मेडिएटेड हाइपोटेंशन  – नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र में  हुए नुकसान के कारण ब्लड प्रेशर में कमी आ जाती है और मानव शरीर के अंगों में खून व ऑक्सिजन का प्रवाह पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाता है

लो ब्लड प्रेशर के कौन कौन से लक्षण होते हैं  (Symptoms of low blood pressure in Hindi

यदि किसी व्यक्ति में  निम्न लिखित लक्षण नज़र आए, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके अपना ब्लड प्रेशर  चेक  कराना चाहिए जैसे

  • सीने में दर्द होना-
  • सीने में दर्द होना लो ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है । 
  • चक्कर आना- 
  • लो ब्लड प्रेशर का प्रमुख लक्षण चक्कर आना है।
  • आमतौर पर, इसे कमज़ोरी या थकान का संकेत माना जाता है, लेकिन कई बार यह लो ब्लड प्रेशर का संकेत भी हो सकता है।

  • सिरदर्द होना- 
  • यदि किसी व्यक्ति को  सिरदर्द महसूस होता है,तो ये भी लो ब्लड प्रेशर  का लक्षण हो सकता है।
  • धुँधला दिखाई देना-
  •  लो ब्लड प्रेशर का एक लक्षण धुँधला दिखाई देना भी  हो सकता है (blurred vision)
  • उल्टी, मतली या जी मचलाना- 
  • यदि किसी शख्स का बहुत जी मचलाता है,उल्टी होती है तो  तो ये भी लो ब्लड प्रेशर का लक्षण हो सकता है।
  • टेंशन या तनाव महसूस होना- ज्यादातर, तनाव को मेंटल प्राब्लम से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन कई बार यह लो ब्लड प्रेशर का संकेत भी हो सकता है।

लो ब्लड प्रेशर के कारण क्या हैं? (causes of low blood pressure in Hindi)

निम्न रक्तचाप के कई कारण होते हैं और लोगों को लो ब्लड प्रेशर अलग-अलग कारणों से हो सकता है इसलिए लो ब्लड प्रेशर के निष्चित कारणों का पता लगाना काफी कठिन होता है।
लेकिन  लो ब्लड प्रेशर पर अभी तक किए गए शोधों में इस बात की जानकारी हुई है कि लो ब्लड प्रेशर मुख्य रूप से इन 5 कारणों से हो सकता है-
खून की कमी-
चोट से अधिक मात्रा में खून का बहना,दिल के दौरे से खून के बहाव में कमी आना,रक्त धारा (blood stream) में संक्रमण होना, एनीमिया, ऑपरेशन के दौरान ज्यादा खून का वह जाना आदि से खून की कमी होने पर लो ब्लड प्रेशर होता है ।

गर्भवती होना- लो ब्लड प्रेशर ऐसी महिलाओं में भी देखने को मिलता है, जो गर्भवती होती हैं।


डायबिटीज़ या थायराइड के कारण – 
लो ब्लड प्रेशर ऐसे लोगों को होने की संभावना अधिक रहती है, जो डायबिटीज़ या थायराइड से पीड़ित होते हैं।

एलर्जी-
एलर्जी के कारण ज्यादातर ब्लड प्रेशर लो हो सकता है जैसे खुजली, त्वचा में चकत्ते, साँस लेने में तकलीफ़, पेट में ऐंठन, गले व जीभ में सूजन आदि होती है।  और एलर्जी  दवाओं, पूरक आहार, खाद्य पदार्थ जैसे मूंगफली व मधुमक्खी के डंक आदि से होती है ।

लो ब्लड प्रेशर को जाँचने के तरीके ? (low blood pressure diagnosis in Hindi

कोई व्यक्ति निम्न रक्तचाप से पीड़ित है, तो वह निम्न तरीकों से इसका निदान कर सकता है-

  • ब्लड टेस्ट कराना
  • ई.सी.जी कराना
  • इकोकार्डियोग्राफी कराना-
  • इस परीक्षण में मुख्य रूप से हृदय या हृदय को व्यवस्थित किया जाता है,
  • तनाव परीक्षण- 
  • तेजी से साँस छोड़ना-

लो ब्लड प्रेशर का इलाज कैसे किया जाता है? (Low blood pressure treatments in Hindi)

जब लो ब्लड प्रेशर का पता चल जाता है , तब इसका इलाज करना आसान हो जाता है।

निम्न रक्तचाप को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय

नमक का सेवन –

 अधिक मात्रा में नमक का सेवन करना और अधिक मात्रा में पानी पीना सहायक साबित हो सकता है।

लेग स्टॉकिंग्स या टाइट मोजे पहनाना- 

आमतौर पर, स्टॉकिंग्स का उपयोग पैर दर्द या सूजन को कम करने के लिए किया जाता है।

लेकिन, लो ब्लड प्रेशर की स्थिति लेग कंप्रेशर स्टॉकिंग्स का इस्तेमाल पैरों तक खून का प्रवाह को पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।

व्यायाम करना- 

लो ब्लड प्रेशर का इलाज एक्सराइज़ करके भी किया जा सकता है।

इसके लिए पैरों और हाथों की एक्सराइज़ किया जा सकता है ताकि मानव शरीर के सभी अंगों तक खून का प्रवाह पहुंच सके और ब्लड प्रेशर बढ़ सके।

काफ़ी का सेवन- लो ब्लड प्रेशर में काफ़ी का सेवन लाभदायक होता है। 

अदरक और नींबू-

अदरक के छोटे-छोटे करके, उनमें नींबू का रस और सेंधा नमक मिलाकर रख दें। अब इसे प्रतिदिन भोजन से पहले थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाते रहें। दिनभर में 3 से 4 बार भी इसका सेवन आप कर सकते हैं। ऐसा करने से रक्तचाप की समस्या कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगी।

आंवला और शहद-

 लो-बीपी के कारण अगर चक्कर आने की शिकायत हो, आंवले के रस में शहद मिलाकर खाने से बहुत जल्दी राहत मिलती है। इसके अलावा आंवले का मुरब्बा भी ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए एक बेहतर विकल्प है।

 अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना- 

तरल पदार्थों के साथ निम्न रक्तचाप को रोका जा सकता है।

तुलसी के पत्तों का सेवन- निम्न रक्तचाप की स्थिति में तुलसी के पत्तों को बहुत अच्छा माना जाता है।

इस कारण से, निम्न रक्तचाप की रोकथाम के लिए तुलसी के पत्ते लेना फायदेमंद है।

बादाम वाला दूध पीना- 

अक्सर, डॉक्टर लो ब्लड प्रेशर को ठीक करने के लिए बादाम वाला दूध पीने की सलाह देते हैं।

बादाम वाला दूध शरीर के साथ-साथ दिमाग के लिए फायदेमंद होता है, जो लो ब्लड प्रेशर को बेहतर करता है।

दवाओं का सेवन – 

एक्सराइज़ के अलावा लो ब्लड प्रेशर का इलाज दवाई लेकर भी किया जा सकता है।

ये दवाईयां शरीर में ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में सहायक साबित होती हैं।

फूड सप्लीमेंट का सेवन करना-  यदि इनका सेवन पर्याप्त मात्रा में किया जाए तो यह लो ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का इलाज करने में सहायक साबित हो सकते हैं।

आजकल  कर्डिओ ऐक्टिव टेबलेट और फ्लेक्स ऑइल सॉफ्ट जेल बाजार में उपलब्ध है जो  ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में सहायक है।

लो ब्लड प्रेशर के नुकसान  क्या हैं? (Complications of low blood pressure in Hindi)

 यदि किसी बीमारी का इलाज समय पर  न किया जाए तो वह घातक रूप ले सकती है।

यह बात निम्न रक्तचाप पर भी लागू होती है, इसलिए इससे पीड़ित लोगों के लिए यह सुझाव दिया जाता है कि वे सही समय पर निम्न रक्तचाप का इलाज करवाएं अन्यथा उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है-

सांस लेने में तकलीफ़ होना-

निम्न रक्तचाप का बड़ा जोखिम सांस लेने में कठिनाई होती है।

कमज़ोरी महसूस होना- सांस लेने में तकलीफ़ के अलावा लो ब्लड प्रेशर शारीरिक कमज़ोरी का कारण भी बन सकता है।

आमतौर पर, यह कमज़ोरी कुछ समय के बाद स्वयं ही ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ स्थिति में यह लंबे समय तक रह सकती है।

किडनी की बीमारी की संभावना का बढ़ना-

 अक्सर, लो ब्लड प्रेशर का असर शरीर के अन्य अंगों जैसे किडनी पर भी पड़ जाता है।

इसके कारण, यह किडनी की बीमारी का कारण भी बन सकता है।

आंखों का खराब होना- 

जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि लो ब्लड प्रेशर का असर शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ सकता है।

अत: लो ब्लड प्रेशर से आंखे खराब हो सकती है और आंखों की रोशनी भी जा सकती हैं।

स्ट्रोक होना- 

लो ब्लड प्रेशर का अंतिम जोखिम स्ट्रोक होना है।
यदि लंबे समय तक स्ट्रोक का इलाज किया जाता है, अगर यह नहीं किया जाता है, तो यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है

रक्त रोग दुनिया भर में बहुत फैल गया है, इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि 17 मई को हर साल विश्व रक्तचाप दिवस (वर्ल्ड ब्लड प्रेशर डे) के रूप में मनाया जाता है।
इसका उद्देश्य लोगों को  रक्तचाप के प्रति जागरूक करना है ।

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