Typhoid Symptoms In Hindi- टाइफाइड के लक्षण, कारण और इलाज

Typhoid Symptoms In Hindi

Typhoid Symptoms In Hindi-टाइफाइड एक गैस्ट्रोइंटेस्टिनल इन्फेक्शन होता है जो प्रदूषित जल के कारण फैलता है। यदि किसी को टाइफाइड बुखार हुआ है और आप उसके संपर्क में आते हैँ तो आपको भी टाइफाइड हो सकता है।

टाइफाइड बुखार सामान्य तौर पर बरसात के मौसम में फैलता है। भारत में टाइफाइड बुखार के बहुत ज्यादा मामले देखने को मिलते हैँ लेकिन पिछले कुछ सालों में टाइफाइड बुखार के मामलों में गिरावट आई है।

टाइफाइड दूषित भोजन और प्रदूषित पानी के कारण फैलता है, जिसे आंत्र ज्वर के नाम से जाना जाता है, उसमें साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया होता है।
नजदीकी आंकड़ों के अनुसार पूरे विश्व में टाइफाइड के 21 मिलियन मामले आते हैँ। बचाव के लिये जरूरी है कि जिन क्षेत्रों में टाइफाइड फैला हुआ है उन क्षेत्रों में यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिये। टाइफाइड एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज सम्भव है लेकिन कुछ गम्भीर मामलों में रोगी की मृत्यु हो सकती है।

टाइफाइड बुखार भारत के साथ साथ और भी दक्षिण पूर्व एशिया एशिया के देशों मिडिल व साउथ अमेरिका , अफ्रीका एवं पश्चिमी प्रशान्त देशों में भी देखने को मिलते हैँ।

टाइफाइड के प्रकार

टाइफाइड में पाया जाने वाला बैक्टीरिया (सैल्मोनेला) दो वर्गों में होता है।

  • टाइफाइडल सैल्मोनेला जिसके अन्तर्गत सैल्मोनेला टाइफी, पैराटाइफी A, B और C शामिल हैँ। यह वो जीवाणु है जो टाइफाइड बुखार या पैराटाइफाइड बुखार को जन्म देता है।
  • गैर-टाइफाइड सैल्मोनेला जिसके अन्तर्गत अन्य सभी सैल्मोनेला उपभेद शामिल हैँ।

टाइफाइड के लक्षण कैसे दिखते हैँ ? (Typhoid Symptoms In Hindi)

Typhoid Symptoms In Hindi

आंत्र ज्वर या टाइफाइड के कुछ सामान्य लक्षण (Typhoid Symptoms In Hindi) निम्नलिखित हैँ।

  • चकत्ते पड़ना व सीने पर लाल रंग के निशान
  • लीवर एवं स्प्लीन का बढ़ जाना
  • पेट में दर्द
  • गले में खराश व कफ
  • प्रलाप
  • दस्त और कब्ज या डायरिया
  • मतली या जी मचलाना
  • सिरदर्द
  • भूख में कमी आना
  • थकान व शरीर में दर्द
  • उच्च(104 डिग्री) बुखार

टाइफाइड से शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है ?

टाइफाइड (Typhoid symptoms in hindi) एक ऐसा जीवाणु संक्रमण होता है जो केवल शरीर के किसी एक अंग को नहीं कई अंगों को प्रभावित करता है। यदि ये बैक्टीरिया रक्त प्रवाह में पहुंच जाते हैँ तो लीवर प्लीहा और मांसपेशियों सहित पाचन क्षेत्र पर हमला करते है। खून के माध्यम से बैक्टीरिया पित्त की थैली फेफड़े और गुर्दे तक भी पहुंच सकते हैँ।

लीवर और प्लीहा में सूजन आ जाती है। उच्च बुखार शरीर पर चकत्ते, गर्दन व पेट पर लाल धब्बे इसके कुछ मुख्य लक्षण हैँ। इससे निम्नलिखित अंग प्रभावित होते हैँ जैसे :

  • लीवर
  • फेफड़े
  • किडनी
  • स्प्लीन
  • गाल ब्लैडर
  • मांसपेशियां
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट

टाइफाइड बुखार कितने दिन तक रहता है ?

शरीर के अन्दर जब टाइफाइड (Typhoid symptoms in hindi) का बैक्टीरिया घुस जाता है तो या आँत में लगभग 1 से 3 हफ्ते तक रहता है। और इसके बाद यह रक्त प्रवाह के द्वारा अपना रास्ता बनाते हुए शरीर के अन्य ऊतकों और अंगों तक पहुंचता है। टाइफाइड के रैश में छोटे छोटे गुलाबी रंग के स्पॉट होते हैँ जिसे ‘रोज स्पॉट्स’ भी कहते हैँ। टाइफाइड का बैक्टीरिया शरीर में सामान्यतया 6-14 दिनों तक रहता है लेकिन इसके रहने की अधिकतम समय सीमा 30 दिन होती है।

टाइफाइड के कारण ( Causes of Typhoid )

किसी को टाइफाइड बुखार तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी कारणवश प्रदूषित पानी या ऐसे खाने या पानी का सेवन करता है जिसमें बैक्टीरिया की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसके अतिरिक्त एक टाइफाइड रोगी के स्टूल से उसके चारों ओर होने वाली पानी की आपूर्ति और फूड सप्लायी सी चेन भी प्रदूषित हो सकती है। टाइफाइड के कुछ और कारण हैँ जैसे :

  • गंदगी के बीच रहना
  • गन्दे टॉयलेट का प्रयोग करना
  • बिना हाथों को अच्छे से साफ किये खाना खाना
  • सैल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संक्रमित यक्ति के साथ एनल या ओरल सम्बन्ध बनाना।
  • दूषित या खराब दुग्ध पदार्थों का सेवन करना आदि।

टाइफाइड की जाँच (Diagnosis Of Typhoid )

किसी को टाइफाइड है या नहीं यह पता लगाने के लिये कई जांच के माध्यम से पता लगाया जा सकता है जैसे –

  • ब्लड, यूरिन या स्टूल टेस्ट
  • बोन मैरो टेस्ट
  • एंटीबॉडीज और टाइफाइड डीएनए की जाँच के लिये ब्लड टेस्ट

टाइफाइड का इलाज (Typhoid Symptoms In Hindi)

टाइफाइड में बैक्टीरियल संक्रमण को दूर करने के लिये एंटीबायोटिक्स दिया जाता है जैसे एम्पीसिलीन, सिप्रोफ्लैक्सिन(Ciproflaxin) और सेफ्ट्रिएक्जोन ( Ceftriaxone ) सामान्यतः टाइफाइड के इलाज में दिया जाता है। एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin ) भी टाइफाइड के उपचार के लिये दिया जाता है लेकिन यह गर्भवती महिलाओं को खाने के लिये नहीं दिया जाता है। कई बार टाइफाइड के गम्भीर मामलों में आँत में छेद हो जाता है जिसे केवल ऑपरेशन के द्वारा ही ठीक किया जा सकता है।

टाइफाइड में क्या खाना चाहिये ?

  • टाइफाइड के कारण इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को दूर करने के लिये सूप फलों के रस शोरबा और दूध का उपयोग किया जा सकता है।
  • शरीर में सूजन को कम करने के लिये ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिये।
  • टाइफाइड के रोगी को डेयरी उत्पाद, दही और अंडे खाना चाहिये इससे पाचन क्रिया आसान होती है और प्रोटीन की कमी भी पूरी होती है।
  • टाइफाइड के मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड का सेवन करना चाहिये जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन ना हो सके।
  • टाइफाइड के मरीज को हाई कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार लेना चाहिये जैसे चावल उबले हुए आलू अण्डा आदि।

टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिये ?

  • टाइफाइड के मरीजों को तली हुई चीजें ज्यादा तीखे व मसालेदार और घी ,मक्खन ,मिठाइयों का सेवन नहीं करना चाहिये।
  • सिरका मिर्च और गरम सॉस जैसे एसिटिक एसिड वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिये।
  • शिमला मिर्च और पत्ता गोभी सब्जी के सेवन से टाइफाइड के मरीज को गैस व सूजन की समस्या हो सकती है।
  • हाई फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला पपीता शकरकंद और सबूत अनाज का सेवन नहीं करना चाहिये।
  • टाइफाइड के मरीज को भारी खाना माँसाहारी भोजन से बचना चाहिये व पेट भरकर कुछ नहीं खाना चाहिये।
  • टाइफाइड के मरीज को चाय कॉफी एल्कोहल व धूम्रपान से परहेज करना चाहिये।
  • टाइफाइड के मरीज को ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिये जो देर से पचता है जैसे अनानास कटहल आदि।

टाइफाइड से बचने के लिये कुछ सावधानियाँ

  • हाथों को अच्छे से साफ रखें और साफ सफाई का विशेष ध्यान दें।
  • उबाला हुआ साफ पानी या बोतल बन्द पानी पियें
  • कच्चा आहार ,फल और सब्जियां सेवन ना करें अच्छे ढंग से पका हुआ भोजन जब गरम रहे तभी खा लें।
  • संक्रमित व्यक्ति के भोजन बर्तन व अन्य उपयोग की गई वस्तुओं को साफ रखें व अलग रखें।
  • संक्रमण को रोकने के लिये पानी को स्वच्छ रखें व प्रदूषित भोजन का इस्तेमाल ना करें।
  • टाइफाइड के लिये दो वैक्शीन लगती है वो इंजेक्शन लगवा लें।

टाइफाइड के इलाज के लिये घरेलू उपाय Home Remedies for Typhoid symptoms in hindi

टाइफाइड से राहत पाने के लिये कुछ ऐसे घरेलू उपचार हैँ जो टाइफाइड के इलाज में सहायक हैँ

फलों के रस का सेवन Fruit Juice for Typhoid symptoms in hindi

टाइफाइड में अक्सर डिहाइड्रेशन हो जाता है इसलिये टाइफाइड के मरीज को थोड़े थोड़े अंतराल बाद कुछ लिक्विड पदार्थ जरूर लेना चाहिये जैसे फ्रूट जूस और उबाला हुआ पानी आदि।

तुलसी और सूरजमुखी के पत्ते का रस Tulsi and Sunfloer for Typhoid symptoms in hindi

तुलसी और सूरजमुखी के पत्तों का रस निकालकर पीने से टाइफाइड में आराम मिलता है। लेकिन अच्छे और बेहतर इलाज के लिये डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

एपल जूस Apple Juice for Typhoid symptoms in hindi

सेब का जूस निकालकर उसमें अदरक का रस मिलाकर पीने से टाइफाइड में आराम मिलता है।

गार्लिक या लहसुन Garlic for Typhoid symptoms in hindi

लहसुन एक नेचुरल एंटीबायोटिक है। घी में 5 -7 लहसुन की कलियाँ पीसकर तल लें और सेंधा नमक मिलाकर खाने से टाइफाइड में आराम मिलता है।

लौंग Clove for Typhoid symptoms in hindi

लौंग का सेवन भी टाइफाइड में आराम दिलाता है। 8 कप पानी में 5-7 लौंग डालकर उबाल लें जब पानी आधा राह जाए तो इसे छानकर रख लें और पूरा दिन इस पानी को पियें। ऐसा एक हप्ते तक करें इससे टाइफाइड के कारण हुई कमजोरी में आराम मिलता है।

ठण्डे पानी की पट्टी Cold water for Typhoid symptoms in hindi

टाइफाइड बुखार में मरीज के शरीर के टेम्प्रेचर को नार्मल रखने के लिये मरीज के माथे पैर और हाथों पर ठण्डे पानी की पट्टी रखने से आराम मिलता है।

गुनगुने पानी के साथ शहद Honey for Typhoid symptoms in hindi

गुनगुने पानी के साथ 1चम्मच शहद मिलाकर पीने से टाइफाइड में आराम मिलता है।

टाइफाइड की पहचान क्या है?

यदि किसी को लगातार कई दिनों से बुखार आ रहा है तो ये टाइफाइड का बुखार हो सकता है
साथ हाई साथ गले में खराश व कफ की समस्या, उल्टी डायरिया सर दर्द जैसे लक्षण दिखाई दें तो नजरअंदाज ना करें तुरन्त डाँक्टर के पास जाना चाहियॆ।

टाइफाइड किसकी कमी से होता है ?

टाइफाइड एक ऐसी गम्भीर बीमारी है जो सैल्मोनेला नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह बैक्टीरिया प्रदूषित पानी और भोजन की सहायता से लोगों के अन्दर प्रवेश करता है और संक्रमण से बहुत लोगों में या फैल जाता है।

टाइफाइड में कितना पानी पीना चाहिये ?

टाइफाइड के मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड का सेवन करना चाहिये ऐसे फूड्स और फलों का सेवन करना चाहिये जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा से ज्यादा होती हो। इसके साथ साथ दिन में 7 से 8 ग्लास पानी पीना चाहिये ताकि शरीर में डिहाइड्रेशन ना हो सके।

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